जानिए, क्या बच्चों, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन लेना सुरक्षित?
सेहतराग टीम
कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता चला जा रहा है। इसको देखते हुए जबतक वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती है तब तक लोगों को मास्क पहनकर और लोगों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है। वहीं पूरा देश इसके वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगा है। फिलहाल अभी तक कोई पुख्ता जानकारी वैक्सीन को लेकर नहीं आ पाई है। लेकिन कहीं-कहीं इसको लेकर अच्छी खबर भी आई है जैसे की कुछ देशों में क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। वहीं भारत के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जनवरी से कोरोना के टीके लगने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। शुरूआत में 30 करोड़ लोगों पर ये टीकाकरण किया जाएगा। इसमें एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल होंगे, जिसमें पुलिसकर्मियों और नगर निगम के कर्मचारियों सहित फ्रंटलाइन वर्कर्स भी होंगे। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों या जिन्हें दूसरी कई बीमारियां हैं, उन्हें टीका लगाया जाएगा। लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बच्चों, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोरोना की वैक्सीन मिलेगी? आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ-
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फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स में गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शामिल नहीं किया गया था और कंपनी ने कहा है कि उपलब्ध डाटा अब तक 'अपर्याप्त' है यह निर्धारित करने के लिए कि वैक्सीन गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर किस तरह का असर डाल सकता है। ब्रिटेन में डाटा की इस अनुपस्थिति ने ऐसी महिलाओं को टीकाकरण कार्यक्रमों से बाहर करने के लिए नियामकों का नेतृत्व किया है, लेकिन अमेरिका में यह निर्णय इन महिलाओं के ऊपर ही छोड़ दिया गया है।
हालांकि एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के वैक्सीन नियामक ने कहा है कि अगर कोई मां अपने बच्चे को स्तनपान करा रही है तो उसे वैक्सीन लेने से बचना चाहिए और स्तनपान बंद होने पर ही टीका लेने के बारे में सोचना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी यह सलाह दी गई है कि उन्हें वैक्सीन लेने से पहले अच्छे से विचार कर लेना चाहिए।
अगर महिला हेल्थकेयर वर्कर गर्भवती है तो क्या उसके लिए वैक्सीन लेना सुरक्षित है?
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) समिति ने सिफारिश की है कि गर्भवती हेल्थकेयर वर्कर को डॉक्टरों की सलाह से वैक्सीन लेने की इजाजत मिल सकती है जबकि ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन किसी भी गर्भवती महिला को नहीं दी जाएगी, जबतक कि इसके बारे में और जानकारी नहीं आ जाती है।
क्या बच्चों के लिए सुरक्षित है वैक्सीन?
भारत में जितनी भी वैक्सीन के ट्रायल हुए हैं, उनमें बच्चों को भी शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में वैक्सीन का उनपर क्या असर होगा, इसके बारे में फिलहाल कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि ऐसा देखा गया है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों पर कोरोना वायरस गंभीर असर नहीं डाल रहा है, साथ ही कोरोना के कारण मौत के मामले में भी बच्चों की संख्या काफी कम है। अमेरिका में तो 16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है, लेकिन फिलहाल भारत में इसे लेकर कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
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